ने पीटर्सवर्ग (बाद में लेनिनग्राड) में प्रथम मजदूर समूह स्थापित किए जो आगे चलकर 1898 में रूसी सामाजिक लोकतंत्रवादी मजदूर पार्टी के आधार बने।
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रूसी सामाजिक लोकतंत्रवादी मजदूर पार्टी के नेता कट्टर मार्क्सवादी थे, अत: उन्होंने पुनरावृत्तिवाद को अस्वीकार किया और मार्क्सवाद को विकसित कर रूसी परिस्थितियों में लागू किया।
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रूसी सामाजिक लोकतंत्रवादी मजदूर पार्टी के नेता कट्टर मार्क्सवादी थे, अत: उन्होंने पुनरावृत्तिवाद को अस्वीकार किया और मार्क्सवाद को विकसित कर रूसी परिस्थितियों में लागू किया।
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जिसे रूसी सामाजिक लोकतंत्रवादी मजदूर पार्टी या रूसी सामाजिक जनवादी पार्टी के नाम से भी जाना जाता है, एक क्रांतिकारी समाजवादी रूसी राजनीतिक दल था जिसका गठन
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सन् 1890 के लगभग एक्सलरोड (Axelrod) और प्लेखानोव (Plekhanov) ने पीटर्सवर्ग (बाद में लेनिनग्राड) में प्रथम मजदूर समूह स्थापित किए जो आगे चलकर 1898 में रूसी सामाजिक लोकतंत्रवादी मजदूर पार्टी के आधार बने।
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सन् 1903 की लंदन कांफ्रेंस में रूसी सामाजिक लोकतंत्रवादी मजदूर दल ने अपने समाजवादी आदर्श को स्पष्ट किया, परंतु इसी वर्ग दल के अंदर दो विचारधाराएँ सामने आईं और कालांतर में उन्होंने दो दलों का रूप धारण किया।
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परंतु 19वीं शताब्दी के अंत में जर्मनी में भी औद्योगिक उन्नति हुई और राज्य ने कुछ व्यक्तिगत तथा राजनीतिक अधिकार स्वीकार किए: फलत: मजदूरों का जीवनस्तर ऊँचा हुआ तथा उनके राजनीतिक दल-सामाजिक लोकतंत्रवादी पार्टी (
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सन् 1903 की लंदन कांफ्रेंस में रूसी सामाजिक लोकतंत्रवादी मजदूर दल ने अपने समाजवादी आदर्श को स्पष्ट किया, परंतु इसी वर्ग दल के अंदर दो विचारधाराएँ सामने आईं और कालांतर में उन्होंने दो दलों का रूप धारण किया।
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लोकतंत्र के अभाव में मजदूरों का संघर्ष करना कठिन था, इसलिए मजदूर वर्ग क्रांतिकारी प्रभाव में आ गया और जर्मनी जैसी परिस्थितियों के कारण यहाँ के अधिकांश मजदूर नेता भी मार्क्सवादी तथा जर्मनी के सामाजिक लोकतंत्रवादी दल से प्रभावित हुए।
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लोकतंत्र के अभाव में मजदूरों का संघर्ष करना कठिन था, इसलिए मजदूर वर्ग क्रांतिकारी प्रभाव में आ गया और जर्मनी जैसी परिस्थितियों के कारण यहाँ के अधिकांश मजदूर नेता भी मार्क्सवादी तथा जर्मनी के सामाजिक लोकतंत्रवादी दल से प्रभावित हुए।